नियोजन
- व्यवसायिक संगठन में क्या कब और किसके द्वारा किया जाएगा इसका निर्धारण करना नियोजन कहलाता है। नियोजन हमेशा कहां से कहां तक जाना है के बीच के रिक्त स्थान को भरता है।
यह प्रबंध के आधारभूत कार्य में से एक है इसके अंतर्गत उद्देश्य एवं लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है तथा उन्हें प्राप्त करने के लिए एक कार्य विधि का निर्माण किया जाता है ।
नियोजन का महत्व
नियोजन निर्देशन की व्यवस्था है
नियोजन निर्देशन की व्यवस्था है
- क्या कब किसके द्वारा किया जाना है इस का मार्ग दर्शन करा कर नियोजन निर्देशन की व्यवस्था करता है।
- नियोजन संगठन में सभी के प्रयासों को एक उद्देश्य की ओर निर्देशित करता है नियोजन के अभाव में कर्मचारी अलग-अलग दिशाओं में प्रयत्न करते हैं तथा अलग-अलग दिशाओं में अपने कार्यों का निष्पादन करते हैं और संगठन के उद्देश्य प्राप्त नहीं कर पाते ।
नियोजन अनिश्चितता के जोखिम को कम करता है
- नियोजन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रबंधक अपने अनुभव एवं बुद्धि माता के आधार पर भविष्य की परिस्थितियों और व्यवसायिक वातावरण को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य का निर्धारण करते हैं। ताकि अवांछित घटनाओं एवं प्रभावों को कम से कम किया जा सके तथा लक्ष्य की प्राप्ति सरलतापूर्वक हो सके।
- नियोजन विभिन्न विभागों एवं व्यक्तियों के प्रयास के रूप में ताजमहल स्थापित करता है जिससे अनुपयोगी गतिविधियां कम होती है और अपव्यय रोका जा सकता है।
नियोजन नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित करता है
- नवप्रवर्तन से अभिप्राय कुछ नया करने से है। नियोजन कर्मचारियों एवं एवं प्रबंधकों को योजना में अपना योगदान एवं पहल के लिए प्रोत्साहित करता है।
- नियोजन प्रबंधकों का प्राथमिक कार्य है इसके द्वारा नए विचार योजना का रूप लेते हैं इस प्रकार नियोजन प्रबंधकों को नवीनीकरण एवं सृजनशील बनाता है।
नियोजन, नियंत्रण के मानकों का निर्धारण करता है
- नियंत्रण के अंतर्गत यह देखा जाता है कि संगठन में कोई कार्य उद्देश्य के अनुरूप हुआ है या नहीं। यदि कोई विचलन हो तो उनमें सुधार कर मानकों के अनुरूप किया जाता है। नियंत्रण के लिए इन मानकों की संरचना नियोजन के अंतर्गत ही तैयार की जाती है।
नियोजन की विशेषताएं
- नियोजन का अर्थ एवं उद्देश्य प्राप्ति पर केंद्रित होता है।
- प्रबंध का आरंभ नियोजन से होता है और नियोजन का शुभारंभ देश निर्माण के उद्देश्य के अभाव में किसी संगठन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। नियोजन के अंतर्गत व्यवसाय के उद्देश्य का निर्धारण व मानकों का निर्धारण किया जाता है।
- नियोजन प्रबंध का सर्वोपरि कार्य है
- नियोजन प्रबंध का प्रथम कार्य है अन्य सभी कार्य के संगठन नियुक्तिकरण निर्देशन उसके बाद ही किए जाते हैं यह जिनके अभाव में प्रबंध तक कोई भी कार्य पूरा नहीं किया जा सकता।
- नियोजन सर्वव्यापक है
- क्योंकि नियोजन कार्यक्रम उपक्रम के सभी स्तरों के प्रबंधकों द्वारा किया जाता है इसलिए इसे सर्व व्यापक जाना उचित होगा योजना बनाना प्रत्येक प्रबंधक का एक महत्वपूर्ण कार्य है चाय प्रबंधक संस्था संस्था का प्रबंध संचालक हो या कारखाने में कार्य करने वाला कोई फोरमैन ।
- व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य व्यवहारों में भी विनियोजन का एक महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि कोई भी कार्य नियोजन के बिना रीजन के अभाव दिशा विहीन होता है । जिसकी उसका कोई लक्ष्य नहीं होता ।
नियोजन एक सतत प्रक्रिया है क्योंकि योजनाएं एक विशेष समय के लिए बनाए जाते हैं। धन की प्राप्ति के पश्चात फिर से नियोजन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। अतः प्रत्येक समय अवधि के पश्चात नियोजन की आवश्यकता पड़ती है।
7. नियोजन भविष्यवादी है।
नियोजन के अंतर्गत भविष्य परिस्थितियों तथा व्यवसायिक वातावरण को ध्यान में रखकर योजनाओं को तैयार किया जाता है। अतः यह कहा जा सकता है कि नियोजन के अंतर्गत प्रबंधक भविष्य की परिस्थितियों एवं भविष्य की व्यवसायिक वातावरण के संबंध में भविष्यवाणी करते हैं ।
नियोजन के अंतर्गत भविष्य परिस्थितियों तथा व्यवसायिक वातावरण को ध्यान में रखकर योजनाओं को तैयार किया जाता है। अतः यह कहा जा सकता है कि नियोजन के अंतर्गत प्रबंधक भविष्य की परिस्थितियों एवं भविष्य की व्यवसायिक वातावरण के संबंध में भविष्यवाणी करते हैं ।
नियोजन में निर्णय सम्मिलित है
नियोजन की आवश्यकता उस समय पड़ती है जब किसी क्रिया को करने के लिए अनेक विकल्प उपलब्ध हो। न्यूज़ इन करता विभिन्न विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन करता है इसलिए कहा जाता है कि नियोजन में निर्णय सम्मिलित है।
नियोजन की आवश्यकता उस समय पड़ती है जब किसी क्रिया को करने के लिए अनेक विकल्प उपलब्ध हो। न्यूज़ इन करता विभिन्न विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन करता है इसलिए कहा जाता है कि नियोजन में निर्णय सम्मिलित है।
नियोजन की सीमाएं
अंतरिक्ष में बाहरी सीमाएं
अंतरिक्ष में बाहरी सीमाएं
आंतरिक सीमाएं
दृढ़ता
नियोजन व्यक्ति की पहल शीलता एवं सर्जनशीलता को हतोत्साहित कर सकता है एक बार योजना बन जाने के बाद प्रबंधक वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान में रख ध्यान में रखे बिना कठोरतापूर्वक इसका पालन करते हैं अतः नए विचारों एवं सुझाव को लेना और देना बंद कर देते हैं। इसलिए विस्तृत नियोजन संगठन में कठोर रूपरेखा का सृजन कर सकता है अधीनस्थों से यह आशा की जाती है कि वह पहले से ही निर्धारित योजनाओं के अनुसार ही कार्य करें।
दृढ़ता
नियोजन व्यक्ति की पहल शीलता एवं सर्जनशीलता को हतोत्साहित कर सकता है एक बार योजना बन जाने के बाद प्रबंधक वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान में रख ध्यान में रखे बिना कठोरतापूर्वक इसका पालन करते हैं अतः नए विचारों एवं सुझाव को लेना और देना बंद कर देते हैं। इसलिए विस्तृत नियोजन संगठन में कठोर रूपरेखा का सृजन कर सकता है अधीनस्थों से यह आशा की जाती है कि वह पहले से ही निर्धारित योजनाओं के अनुसार ही कार्य करें।
अप्रभावी
नियोजन अत्यधिक तहसील वातावरण में प्रभावी नहीं है लेकिन भविष्य के बारे में किए गए पूर्वानुमानों पर आधारित होता है क्योंकि भविष्य अनिश्चित एवं परिवर्तनशील होता है इसलिए पूर्वानुमान प्राया पूर्ण रूप से सही नहीं हो पाते। अतः कठोर निर्णय परिवर्तनशील वातावरण में अत्यधिक प्रभावी नहीं होते।
भारी नियोजन लागत
नियोजन की प्रक्रिया एक जटिल प्रक्रिया है जिसके लिए अत्यधिक कुशल एवं दक्ष प्रबंधकों एवं कर्मचारियों की आवश्यकता होती है इसमें धन एवं समय दोनों की लागत का वहन व्यवसाय को करना पड़ता है।
Dissimilaries
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