व्यापारिक बैंक

व्यापारिक बैंक एक ऐसी संस्था है जो लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से जमा स्वीकार करने ऋण देने और निवेश करने का कार्य करते हैं उदाहरण के लिए पंजाब नेशनल बैंक, ICICI बैंक, SBI, बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक इत्यादि

व्यापारिक बैंक के कार्य

जमा स्वीकार 
करना जमा स्वीकार करना व्यापारिक बैंकों का एक महत्वपूर्ण कार्य है यह विभिन्न वर्ग और क्षेत्रों से आवश्यकतानुसार जमा स्वीकार करते हैं |

जमाओं के मुख्य प्रकार

चालू खाता 
यह खाते ऐसे खाते होते हैं जिनमें जमाव को किसी भी समय आरंभ किया जा सकता है इन खातों का
उद्देश्य सामान्यतः व्यापारियों द्वारा सौदों के निपटारे करना होता है |
बैंक इन खातों पर ब्याज नहीं देती बल्कि इन खातों को चलाने के लिए सेवा शुल्क लगाती है

सावधिक जमाएं
सावधिक  जमाएं वे जमाएं होती हैं  जिनको बैंक के पास एक निश्चित समय अवधि के लिए रखी जाती है ऐसी जमाओं में  ब्याज दर अधिक होता है परंतु ऐसी जमाएं चेक द्वारा पारित नहीं हो सकती

  सावधिक जमाव और मांग जमाओं में अंतर

आधार
        मांग  जमाएं
सावधिक जमाएं
अर्थ
मांग जमा हुए जमा होती हैं जो खाता धारक द्वारा किसी भी समय  निकाली जा सकती है

सावधिक जमाएं वे जमाएं होती हैं जो एक निश्चित समय अवधि के पश्चात ही निकाली जा सकती हैं

ब्याज का भुगतान

मांग जमाओं में ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता


सावधि जमा में ब्याज का भुगतान होता है जिसमें अवधि के साथ प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है

चेक सुविधा


मांग जमा में चेक सुविधा उपलब्ध होती है

सावधिक जमाओं में चेक सुविधा उपलब्ध नहीं होती





बचत खाता

  • बचत खाते वे खाते होते हैं जो  सावधिक दोनों जमाओ और मांग जमाओं की विशेषता रखते हैं
  • बचत खाते पर ब्याज मिलता है परंतु ब्याज की दर शाब्दिक जमाओं की अपेक्षा कम होती है
  • बचत खातों में निकासी के लिए चेक सुविधा दी जाती है परंतु निकासी की राशि एक सीमा तक प्रतिबंधित होती है


ऋण देना
बैंक के द्वारा प्राप्त किए गए जमा उनसे कुछ आवश्यक कोष राशि रखकर बाकी राशि को ऋण के रूप में दे दिया जाता है I
                  ऋण के प्रकार


नगद साख 
नगद साख से अभिप्राय उस श्रेणी से होता है जो ऋणी को चालू परिसंपत्तियों जैसे शेयर स्टॉक बांड इत्यादि के आधार पर दी जाती है |

मांग ऋण
मांग ऋण से अभिप्राय उस ऋणी से होता है जो बैंक किसी भी समय वापस मंगवा सकती है
ऐसे ऋण का उद्देश्य केवल तत्कालीन आवश्यकताओं की पूर्ति करना होता है

अल्पावधि  ऋण  
अल्पावधि ऋण से अभिप्राय उस ऋण से है जो कुछ प्रतिभूतियों के आधार पर एक छोटी अवधि के लिए दी जाती है | इस ऋण के अंतर्गत राशि को श्रेणी के खाते में जमा कर दी जाती है वह इस समय राशि का उपयोग कर सकता है और  समस्त राशि पर ब्याज देय होती है |

ओवरड्राफ्ट सुविधा
बैंक अपने सम्मानित ग्राहकों को उनके खाते में  उपलब्ध राशि से अधिक निकालने की अनुमति प्रदान करती है  यह सुविधा ओवरड्राफ्ट सुविधा कहलाती है |

विनिमय बिलों की कटौती

  • इस से अभिप्राय उन सुविधाओं से है जिसमें बैंक विनिमय बिलों की परिपक्वता से पहले बिल धारक को बिल की राशि दे देता है
  • बैंक इस सुविधा के लिए एक निश्चित शुल्क लेती है
एजेंसी कार्य 
व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए एजेंसी कार्य करता है अर्थात बैंक खाताधारकों के निर्देशानुसार उनके आर्थिक क्रियाओं को करता है यह सुविधा बैंक की एजेंसी सुविधा कहलाती है
बैंक इन सुविधाओं के लिए एक निश्चित सेवा शुल्क लेती है

बैंको के कुछ अन्य कार्य निम्नलिखित है

  • 1 विभिन्न मदों का संग्रह एवं भुगतान
  • 2 नगद कोसो का हस्तांतरण
  • 3 विदेशी विनिमय का क्रय विक्रय
  • 4 प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय
  • 5 अपने ग्राहकों को आयकर सलाह


सामान्य उपयोगिता की सेवाएं

  • लॉकर सुविधा
  •  यात्री चेक
  •  प्रतिभूतियों की अंडर राइटिंग
  •  आंकड़ों का एकत्रीकरण
मुद्रा निर्माणमुद्रा निर्माण व्यापारिक बैंकों का एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य है
मुद्रा सृजन की प्रक्रिया द्वारा व्यापारिक बैंक साख को सृजित करती है
बैंक आरंभिक जमाव का कुछ भाग सीआरआर संवैधानिक आवश्यक कोष के रूप में अपने पास रखती हैं तथा शेष राशि को ऋण के रूप में पुनः अर्थव्यवस्था में प्रभाहित करती हैं | इसके पश्चात वह राशि वापस बैंक के पास जवाब के रूप में आती हैं और व्यापारिक बैंक LRR रखकर शेष राशि को पुनः ऋण के रूप में अर्थव्यवस्था में  प्रभाहित करती हैं यह प्रक्रिया चलती रहती है |

साख निर्माण की मान्यताएं

  • अर्थशास्त्र में सभी प्रकार के नियमों के लिए कुछ मान्यताएं होती हैं साख निर्माण की मान्यताएं निम्नलिखित हैं अर्थव्यवस्था में सभी लेन-देन व्यवहार बैंकों के माध्यम से किए जाते हैं


  • समस्त व्यापारिक बैंक व्यवस्था एक इकाई है और इसे एक बैंक कहा जाता है  जैसे अर्थव्यवस्था में विभिन्न बैंकों जैसे स्टेट बैंक PNB बैंक ऑफ इंडिया इन को अलग बैंक नामांकन इन सभी को मिलाकर एक बैंक कहा जाता है


साख निर्माण का निर्धारक तत्व

  • मुद्रा गुणक उस मुद्रा राशि को मापता है जो बैंक अपने पास रखें प्रत्येक मौद्रिक इकाई से जमा के रूप में सृजन करने में समर्थ होती है
  • मुद्रा गुणक 5 यह दर्शाता है कि बैंक  अपने पास रखें मुद्रा की एक इकाई से 5 इकाइयों का निर्माण कर सकती है

अन्य भाषा में मुद्रा गुणक पांच यह दर्शाता है कि बैंक प्रारंभिक जमा  को 5 गुना अधिक राशि में परिवर्तित करने में समर्थ है

Note :-  मुद्रा गुणक का मूल्य एल आर आर पर निर्भर करता है LRR जितना अधिक होगा मुद्रा गुणक उतना ही कम होगा तथा अनारा जितना कम होगा मुद्रा गुणक उतना ज्यादा होगा

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