व्यावसायिक वातावरण
व्यावसायिक वातावरण:- व्यावसायिक वातावरण से अभिप्राय उन विभिन्न घटकों से है जो व्यवसाय को विभिन्न प्रकार से प्रभावित करते हैं।
- व्यावसायिक वातावरण में एक व्यवसाय के लिए जोखिम तथा अवसर दोनों उपलब्ध होते हैं। व्यवसायिक वातावरण का अध्ययन इन खतरों का अवसर को पहचानने में प्रबंधकों की मदद करता है।
- व्यवसायिक वातावरण उन सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष बाहरी अथवा आंतरिक घटकों को शामिल करता है |
- उदाहरण:- के लिए ग्राहक निवेशक आपूर्तिकर्ता लेनदार अन्य आर्थिक घटक सामाजिक तथा राजनीतिक घटक।
व्यवसायिक वातावरण की विशेषताए
बाहरी शक्तियों की उपलब्धता :- व्यवसायिक वातावरण संस्था के बहरी शक्तियों जैसे आर्थिक घटक, ग्राहक प्रतियोगी, निर्देशक इत्यादि का योग होता है जिनकी प्रकृति सामूहिक होती है।
विशिष्ट एवं साधारण शक्तियां
विशिष्ट शक्तियां:- विशिष्ट शक्तियां वे शक्तियां होती हैं जो व्यवसाय को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं जैसे जैसी ग्राहक प्रतियोगी,निवेशक इत्यादि।
साधारण शक्तियां।
व्यावसायिक वातावरण की साधारण शक्तियां वे शक्तियां होती हैं जो व्यवसाय को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं| इन में राजनीतिक आर्थिक कानूनी एवं तकनीकी दशाएं इत्यादि शामिल होती हैं।
व्यावसायिक वातावरण की साधारण शक्तियां वे शक्तियां होती हैं जो व्यवसाय को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं| इन में राजनीतिक आर्थिक कानूनी एवं तकनीकी दशाएं इत्यादि शामिल होती हैं।
आंतरिक संबंध
व्यवसायिक वातावरण के विभिन्न तत्व एक दूसरे से घनिष्ट रूप से जुड़े होते हैं, तथा एक दूसरे की व्यवहारों को प्रभावित करते हैं। अतः इनमे में आंतरिक संबंध होता है ।
व्यवसायिक वातावरण के विभिन्न तत्व एक दूसरे से घनिष्ट रूप से जुड़े होते हैं, तथा एक दूसरे की व्यवहारों को प्रभावित करते हैं। अतः इनमे में आंतरिक संबंध होता है ।
- उदाहरण के लिए स्वास्थ्य के प्रतिजागरूकता बढ़ने से स्वास्थ्यवर्धक भोजन एवं उत्पादक जैसे वसा रहित खाद्य पदार्थ शुगर फ्री आदि की मांग बढ़ रही है।
गतिशील
व्यवसायिक वातावरण गतिशील होता है जो तकनीकी विकास, उपभोक्ताओं की रूचि तथा फैशन के अनुसार बदलता रहता है। व्यावसायिक परिस्थितियां कभी भी एक समान नहीं रहती यह समय के साथ तकनीकी विकास उपभोक्ताओं की रुचि के आधार पर बदलती रहती हैं।
व्यवसायिक वातावरण गतिशील होता है जो तकनीकी विकास, उपभोक्ताओं की रूचि तथा फैशन के अनुसार बदलता रहता है। व्यावसायिक परिस्थितियां कभी भी एक समान नहीं रहती यह समय के साथ तकनीकी विकास उपभोक्ताओं की रुचि के आधार पर बदलती रहती हैं।
अनिश्चितता :- व्यावसायिक पर्यावरण अनिश्चित होता है क्योंकि भविष्य में होने वाले पर पर्यावरण में परिवर्तन हो तथा उनके प्रभावों का पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं है।
- वे पदार्थ या वे वस्तुएं जो अभी प्रचलन में है, हो सकता है निकट भविष्य में परिवर्तन अथवा उपभोक्ता की रुचि में परिवर्तन के अनुसार निकट भविष्य में ही उसका चलन समाप्त हो जाए।
- दूसरी तरफ आर्थिक रुप से होने वाले परिवर्तनों का अनुमान लगाना भी संभव नहीं है क्योंकि आर्थिक बाजार में परिवर्तन लगातार होते रहते हैं।
जटिलता :- व्यवसायिक पर्यावरण एक जटिल चक्की है जिसको अलग-अलग हिस्सों में समझना सरल है परंतु समग्र रूप से समझना कठिन है।
तुलनात्मकता :- व्यवसायिक पर्यावरण एक तुलनात्मक अवधारणा है जिसका प्रभाव भिन्न भिन्न देशों एवं क्षेत्रों में भिन्न भिन्न होता है।
उदाहरण के लिए तैयार स्वास्थ्यवर्धक भोज्य पदार्थों की मांग ग्रामीण के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में अधिक होती है । उसी प्रकार उसी प्रकार परंपरागत वस्तुएं जैसे धोती कुर्ता सिंदूर मंगलसूत्र इत्यादि की मांग दूसरों के मुकाबले गांव में अधिक होती है।
व्यवसायिक वातावरण के अध्ययन के लाभ
1. अवसरों की पहचान तथा पहल के लाभ
व्यवसायिक वातावरण के सही अध्ययन से उपलब्ध लाभकारी अवसरों की पहचान कर सकता है तथा अपने प्रतियोगिताओं से पहले अवसरों का लाभ उठा सकता है।
व्यवसायिक वातावरण के सही अध्ययन से उपलब्ध लाभकारी अवसरों की पहचान कर सकता है तथा अपने प्रतियोगिताओं से पहले अवसरों का लाभ उठा सकता है।
2. खतरों की पहचान एवं समय से पहले चेतावनी में सहायक।
व्यावसायिक पर्यावरण की सही जानकारी एक उद्यम को उन खतरों की पहचान में सहायता करता है जो इसके पिछला परिचालन में बाधक हो सकते हैं। तथा भविष्य में उनके सामूहिक उद्देश्य संगठन के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकते हैं।
व्यावसायिक पर्यावरण की सही जानकारी एक उद्यम को उन खतरों की पहचान में सहायता करता है जो इसके पिछला परिचालन में बाधक हो सकते हैं। तथा भविष्य में उनके सामूहिक उद्देश्य संगठन के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकते हैं।
- उदाहरण के लिए बजाज ऑटो ने Honda और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को से खतरा भांपते हुए अपने दो पहिया वाहनों में उचित परिवर्तन और सुधार किया जिससें उन्होंने बाजार में अपनी साख बचाते हुए अस्तित्व को बनाए रखा और उचित लाभ के साथ बजाज ऑटो का पर्याप्त विस्तार भी किया।
3.व्यावसायिक पर्यावरण द्वारा उद्यम का विभिन्न संसाधनों जैसे पूंजी मशीन कच्चा माल आदि उपलब्ध कराए जाते हैं संसाधनों की उपलब्धता का पता लगाने तथा उन्हें आवश्यकता अनुसार प्राप्त करने के लिए भी व्यावसायिक पर्यावरण की जानकारी अनिवार्य है।
4. परिवर्तनों का सामना करना
लगातार व्यवसायिक पर्यावरण के अध्ययन से भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के बारे में पता चलता है जिससे उनका सामना करने के लिए उपयुक्त प्रयासों को निश्चित किया जा सके।
5. नियोजन एवं नीति निर्धारण में सहायता
व्यवसायिक पर्यावरण की समझ एवं विश्लेषण नियोजन एवं नीति निर्धारण में सहायता करते हैं।
व्यवसायिक पर्यावरण की समझ एवं विश्लेषण नियोजन एवं नीति निर्धारण में सहायता करते हैं।
निष्पादन में सुधार व्यावसायिक पर्यावरण का सही अध्ययन एक उद्यम के निष्पादन में सुधार कर सकता है तथा उससे दीर्घकाल तक सफल बना सकता है ।
व्यवसायिक पर्यावरण के आयाम
ग्राहक :- संगठन के व्यवसायिक वातावरण के विशिष्ट घटक होते हैं क्योंकि ग्राहक व्यवसाय को विशिष्ट और प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं व्यवसाय की नीति एवं क्रियाओं का निर्धारण ग्राहक द्वारा किए जानेवाले मांग तथा उनकी रुचियों पर आधारित होते हैं।
निवेशक:- किसी व्यवसाय के वित्त व्यवस्था का एक प्रमुख स्रोत होता है जो कि व्यवसाय को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।
आर्थिक वातावरण आर्थिक वातावरण का व्यवसाय पर प्रत्यक्ष आर्थिक प्रभाव होता है ब्याज की दर मौद्रिक नीति मूल्य वृद्धि दर लोगों की आय में परिवर्तन आदि कुछ आर्थिक तत्व है जो जो व्यावसायिक उद्यमों को प्रभावित करते हैं।
सामाजिक पर्यावरण
सामाजिक पर्यावरण मैं सामाजिक सकते हैं जैसे रीति-रिवाज मूल्य सामाजिक बदलाव जीवन शैली आदि सम्मिलित होती है।
सामाजिक पर्यावरण मैं सामाजिक सकते हैं जैसे रीति-रिवाज मूल्य सामाजिक बदलाव जीवन शैली आदि सम्मिलित होती है।
सामाजिक पर्यावरण में होने वाले बदलाव व्यवसाय को शीघ्र प्रभावित करते हैं इसके कारण जहां व्यवसाय को विभिन्न अवसर मिलते हैं वहीं कई प्रकार के खतरे भी उत्पन्न हो जाते हैं।
उदाहरण के लिए एक ऐसे क्षेत्र की कल्पना करें जहां जहां मांसाहारी उत्पादों की बिक्री अत्यधिक मात्रा में होती है। परंतु कुछ समय पश्चात हिंदू जनसंख्या बढ़ने के कारण एक मंदिर की स्थापना की जाती है। इस सामाजिक बदलाव के कारण वहां मांसाहारी उत्पादन जैसे मांस , अंडे इत्यादि का विरोध होना आरंभ हो जाएगा और संगठन पर और व्यवसाय पर अस्तित्व का खतरा मंडराने लगेगा।
उदाहरण के लिए एक ऐसे क्षेत्र की कल्पना करें जहां जहां मांसाहारी उत्पादों की बिक्री अत्यधिक मात्रा में होती है। परंतु कुछ समय पश्चात हिंदू जनसंख्या बढ़ने के कारण एक मंदिर की स्थापना की जाती है। इस सामाजिक बदलाव के कारण वहां मांसाहारी उत्पादन जैसे मांस , अंडे इत्यादि का विरोध होना आरंभ हो जाएगा और संगठन पर और व्यवसाय पर अस्तित्व का खतरा मंडराने लगेगा।
राजनीतिक पर्यावरण:-
- राजनीतिक स्थितियों के घटकों में बदलाव के कारण भी व्यावसायिक संस्थाएं प्रभावित होती है। राजनीतिक स्थिरता व्यवसाय में व्यवसाय में आत्मविश्वास पैदा करती है जबकि राजनीतिक अशांति एवं खराब कानून व्यवस्था व्यवसाय में अनिश्चितता ला देती है।
उदाहरण के लिए बेंगलुरु तथा हैदराबाद राजनीतिक समर्थन के कारण सूचना प्रौद्योगिकी हेतु लोकप्रिय स्थान बन गया है।
प्रौद्योगिकी या तकनीकी पर्यावरण
तकनीकी पर्यावरण द्वारा उत्पादन की नई तकनीक एवं पद्धतियां उपलब्ध कराई जाती है व्यवसाय को उद्योग में होने वाले तकनीकी परिवर्तनों पर गहरी दृष्टि रखनी चाहिए क्योंकि परिवर्तन प्रतियोगीयो का सामना करने तथा उत्पाद की गुणवत्ता सुधारने के लिए अनिवार्य होती है।
कानूनी पर्यावरण
- कानूनी पर्यावरण में सरकार द्वारा पारित विभिन्न विधेयक प्रशासनिक आदेश न्यायालय के फैसले तथा विभिन्न सरकारी कमीशन एवं एजेंसी एजेंसियों के निर्णय शामिल होते हैं।
- व्यवसाय को इनका पालन करना होता है अतः कानून की जानकारी आवश्यक होती है।
भारत का आर्थिक वातावरण
- आर्थिक सुधारों के मुख्य रखते हुए भारत सरकार में नई आर्थिक नीति 1991 की घोषणा की इसका उद्देश्य था कि भारत आर्थिक संकट से उबरकर शीघ्र आर्थिक वृद्धि की ओर बढ़ सके
- इसके लिए तीन विभिन्न उपकरणों की सहायता ली गई |
1. उदारीकरण
- उदारीकरण का उद्देश्य भारत के विभिन्न व्यवसायिकं संगठनों को अनावश्यक लाइसेंसिंग प्रणाली से मुक्त करना। जिसके अंतर्गत कुछ अति आवश्यक उद्योगों को छोड़कर बाकी सभी उद्योगों में लाइसेंस लेने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई।
2. निजीकरण
- निजीकरण का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका को कम करना था सार्वजनिक क्षेत्र का वर्चस्व एवं अति अति होने के कारण घूसखोरी कामचोरी इत्यादि के मामले अत्यधिक बढ़ने लगे थे। निजी करण से इन सभी बाधाओं से काफी हद तक बचा जा सका एवं उत्पादकता में अपूर्व व्रद्धि हुई ।
3. वैश्वीकरण
- वैश्वीकरण से अभिप्राय किसी देश की आर्थिक सीमाओं को विश्व की आर्थिक सीमाओं के साथ जोड़ देने से है। वैश्वीकरण के पश्चात भारत में व्यवसायिक संगठनों के विकास एवं विस्तार के नए रास्ते खुल गए तथा भारत में उद्योगों का विस्तार होना आरंभ हुआ।
- वैश्वीकरण विश्व अर्थव्यवस्था में अधिक एककीकरण तथा आर्थिक अंतर निर्भरता की प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विभिन्न देशों में पारस्परिक लेनदेन में वृद्धि हुई।
- इसके लिए निर्यात शुल्क हटाया गया, आयात शुल्क कम किया गया, पूंजीगत आयातो मैं उदारीकरण ।
व्यवसाय उद्योगों पर सरकारी नीतियों में परिवर्तन का प्रभाव
1. प्रतियोगिता में वृद्धि लाइसेंस में छूट के कारण तथा भारतीय बाजार में विदेशी फर्मों के प्रवेश के कारण भारतीय प्रमुख के लिए प्रतियोगिता में वृद्धि हुई।
1. प्रतियोगिता में वृद्धि लाइसेंस में छूट के कारण तथा भारतीय बाजार में विदेशी फर्मों के प्रवेश के कारण भारतीय प्रमुख के लिए प्रतियोगिता में वृद्धि हुई।
2. तकनीकी पर्यावरण में तेजी से परिवर्तन
तकनीकी विकास के कारण उत्पादन प्रक्रिया में तेजी से सुधार हो रहा है जिसके कारण कम से कम लागत पर अधिक से अधिक उत्पादन संभव है परंतु तकनीकी बदलाव के कारण छोटी फर्मों के सामने अनेक कठिनाइयों एवं चुनौतियां आ गई है।
3. परिवर्तन की आवश्यकता
नई आर्थिक नीति के बाद बाजार शक्तियां मांग तथा पूर्ति के आधार पर अधिक तेजी से बदल रही है व्यवसायिक वातावरण के विभिन्न घटकों में तेजी से परिवर्तन होने के कारण प्रमुख को भी अपने परिचालन में निरंतर बदलाव करना पड़ रहा है।
4. मानव संसाधनों का विकास
व्यवसायिक पर्यावरण के बदलते परिवेश में उच्च क्षमतावान तथा अधिक प्रतिशत लोगों की मांग बढ़ रही है अतः मानव संसाधनों के विकास की आवश्यकता है जिससे उनकी कार्य क्षमता तथा उत्पादकता में वृद्धि की जा सके।
5. बाजार अभिविन्यास
बिक्री :- बिक्री से अभिप्राय किस वास्तु या सेवा को एक नश्चित समय अवधि के अंतर्गत दी गई कीमत पर बेचने से है |
विपणन :-विपणन वह प्रक्रिया है जिसमे बिक्री से विपणन पूर्व शोध करके उपभोक्ता आवश्यकता का पता लगाया जाता है फिर उन आवश्यकताओं के आधार पर उत्पादन किया जाता है | विक्रय के बाद सेवाएं प्रदान कर ग्राहकों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाता है |
पहले बाजार में बिक्री और धारणा प्रचलित थी परंतु आज विपणन अवधारणा का बोलबाला है। आज उत्पादकों द्वारा बाज़ार शोध के माध्यम से ग्राहकों की आवश्यकता का पहले पता लगाया जाता है फिर उन आवश्यकताओं के आधार पर उत्पादन किया जाता है | विपणन शोध शैक्षिक विज्ञापन विक्रय के बाद सेवाएं आदि अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं ।
विपणन :-विपणन वह प्रक्रिया है जिसमे बिक्री से विपणन पूर्व शोध करके उपभोक्ता आवश्यकता का पता लगाया जाता है फिर उन आवश्यकताओं के आधार पर उत्पादन किया जाता है | विक्रय के बाद सेवाएं प्रदान कर ग्राहकों को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाता है |
उदहारण विभिन्न कंपनीयों द्वारा स्थापित शोध विभाग एवं सर्विस सेंटर इसके उदहारण हैं |
व्यवसायिक आर्थिक नीति में परिवर्तन के प्रभाव के फलस्वरुप प्रबंधकों को अपने व्यवसाय को न केवल बनाए रखने बल्कि विकसित करने के लिए कई क्षेत्रों पर ध्यान देना आवश्यक हो गया है।
बदलते व्यवसायिक पर्यावरण के अध्ययन प्रबंधकों को चुनौतीपूर्ण निर्णय लेने में सहायता प्रदान करते हैं तथा भविष्य में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी पहले प्राप्त कर उन्हें अपने संगठन में आवश्यक सुधार करके उद्देश्यों की प्राप्ति एवं व्यवसाय के विस्तार में सहायता प्रदान करते हैं।
Hlo
ReplyDeleteHiii
DeleteMst
ReplyDelete