प्रबंध के स्तर
प्रबंध के स्तर
उच्च स्तरीय प्रबंध के प्रमुख कार्य
इस तरह के प्रबंध के अंतर्गत चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, निदेशक, कार्य मंडल आदि आते हैं l इनका कार्य मुख्य उद्देश्य निर्धारित करना, योजना और नीतियों का ढांचा तैयार करना, दूसरे लोगों के प्रयासों को निर्देशित करना और नेतृत्व प्रदान करना, विकास करना,व्यवसाय गतिविधियों का समाज पर पड़ने वाले प्रभावों के विषय में उत्तरदायित्व का बयान करना होता हैl
इस तरह के प्रबंध के अंतर्गत चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, निदेशक, कार्य मंडल आदि आते हैं l इनका कार्य मुख्य उद्देश्य निर्धारित करना, योजना और नीतियों का ढांचा तैयार करना, दूसरे लोगों के प्रयासों को निर्देशित करना और नेतृत्व प्रदान करना, विकास करना,व्यवसाय गतिविधियों का समाज पर पड़ने वाले प्रभावों के विषय में उत्तरदायित्व का बयान करना होता हैl
मध्य स्तरीय प्रबंध के प्रमुख कार्य
मध्य प्रबंधन के अंतर्गत
विभागीय प्रमुख, प्लांट सुपरिटेंडेंट व परिचालन प्रबंधक आते हैं इनके मुख्य कार्य उच्च स्तर द्वारा बनाई गई योजना और नीतियों का निष्पादन करना हैll उच्च एवं निम्न स्तरीय प्रबंध के बीच कड़ी का कार्य करना है यह संसाधनों को एकत्रित एवं संगठित करते हैं कर्मचारियों को प्रेरित करना संबंधित विभागों को विस्तृत निर्देश देने का कार्य करते हैं l
निम्न स्तरीय प्रबंध के प्रमुख कार्य
निम्न स्तरीय प्रबंध के अंतर्गत फोरमैन पर्यवेक्षक होते हैं इस समूह के प्रबंधक वास्तव में उच्च और मध्यम स्तरीय प्रबंध की योजनाओं के अनुसार क्रियाओं का निष्पादन करते हैं l यह उपकरणों की व्यवस्था श्रमिकों का चयन प्रशिक्षण श्रमिकों के बीच अनुशासन बनाना श्रमिकों को प्रेरित करना और उन्हें उचित कार्य दशाओं कार्य दशाएं उपलब्ध कराने का कार्य करते हैं l
निम्न स्तरीय प्रबंध के अंतर्गत फोरमैन पर्यवेक्षक होते हैं इस समूह के प्रबंधक वास्तव में उच्च और मध्यम स्तरीय प्रबंध की योजनाओं के अनुसार क्रियाओं का निष्पादन करते हैं l यह उपकरणों की व्यवस्था श्रमिकों का चयन प्रशिक्षण श्रमिकों के बीच अनुशासन बनाना श्रमिकों को प्रेरित करना और उन्हें उचित कार्य दशाओं कार्य दशाएं उपलब्ध कराने का कार्य करते हैं l
प्रबंध के कार्य
नियोजन :- क्या करना है, कैसे करना है, और किसके द्वारा किया जाएगा इसके बारे में पहले से निर्णय नियोजन कहलाता है l
संगठन :- संगठन को संगठित करना और योजनाओं के निष्पादन के लिए संगठित करना इसका अभिप्राय उद्देश्य की प्राप्ति के लिए संगठन के विभिन्न अंगों में मैत्रीपूर्ण समायोजन करना है l
नियुक्तिकरण :- नियुक्तिकरण से अभिप्राय भर्ती करने से हैl इसके अंतर्गत नए कर्मचारियों की भर्ती करने का प्रवर्तन, वृद्धि का निर्णय करने कार्यों का निष्पादन, मूल्यांकन एवं कर्मचारियों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाए रखना और प्रशिक्षण आदि शामिल है l
निर्देशन :- निर्देशन नियुक्ति के पश्चात कर्मचारियों को सूचना मार्गदर्शन देना प्रेरित करना पर्यवेक्षण करना तथा उनके साथ संप्रेषण करना निर्देशन के अंतर्गत आते हैं l
नियंत्रण :- नियंत्रण वार्षिक कार्य निष्पादन को नियोजित कार्य निष्पादन के साथ मेल करना तथा अंतर के कारणों का पता लगाकर शोधक महत्व का सुझाव देना इसका उद्देश्य वास्तविक परिणामों को इच्छित परिणामों के नजदीक लाना है l.
समन्वय
किसी संगठन या संस्था के विभिन्न अंगों अथवा गतिविधियों मैं सामंजस्य स्थापित करना समन्वय कहलाता है, एक व्यवसायिक उपक्रम के संदर्भ में समन्वय का अर्थ संस्था विभिन्न क्रियाओं जैसे विक्रय, उत्पादन, विधि, सेविवर्गीय आदि को संतुलित करना है l ताकि व्यवसाय के उद्देश्य को आसानी से कुशलता एवं दक्षता पूर्वक प्रभावशाली ढंग से प्राप्त किया जा सके l
किसी संगठन या संस्था के विभिन्न अंगों अथवा गतिविधियों मैं सामंजस्य स्थापित करना समन्वय कहलाता है, एक व्यवसायिक उपक्रम के संदर्भ में समन्वय का अर्थ संस्था विभिन्न क्रियाओं जैसे विक्रय, उत्पादन, विधि, सेविवर्गीय आदि को संतुलित करना है l ताकि व्यवसाय के उद्देश्य को आसानी से कुशलता एवं दक्षता पूर्वक प्रभावशाली ढंग से प्राप्त किया जा सके l
उदाहरण के लिए एक संगठन में 3 विभाग क्रय विभाग, उत्पादन विभाग ,और बिक्री विभाग तीनों में सामंजस्य होना आवश्यक है l यदि इन तीनों में से किसी मैं भी सामान जैसे की कमी होती है अर्थात यदि इनमें से किसी एक में भी अपने कार्यों को पूरा नहीं किया जाता तब उससे दूसरा भाग प्रभावित होता हैl
अंततः नियोजित उद्देश्य में या तो विचलन आता है, या वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधित होते हैंl
यदि प्रबंध के तीनों अंगों को एक नजर में देखा जाए तो यह अपने आप में एक समूह बन जाता है और समूह का नाम आते ही पुनः समन्वय की जरूरत होती है | उच्च स्तरीय प्रबंध तथा निम्न स्तरीय प्रबंधक समन्वित होकर ही सामूहिक उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं इसलिए समन्वय प्रबंध प्रबंध का कोई अलग कार्य नहीं बल्कि प्रबंध का सार है l
समन्वय की प्रकृति एवं विशेषताएं
समन्वय सामूहिक प्रयासों को एकत्रित रखता है
समन्वय विभिन्न व्यवसाय करती वीडियो में एकता लाकर उन्हें उद्देश्यपूर्ण गतिविधि के रूप में समान लक्ष्य की ओर अग्रसर करता है
समन्वय सामूहिक प्रयासों को एकत्रित रखता है
समन्वय विभिन्न व्यवसाय करती वीडियो में एकता लाकर उन्हें उद्देश्यपूर्ण गतिविधि के रूप में समान लक्ष्य की ओर अग्रसर करता है
प्रयासों की एकात्मकता को संरक्षित करना
सामान्य व्यक्ति के प्रयासों में एकता लाता है तथा विभिन्न विभागों को जोड़ने की शक्ति का कार्य करता है l
सामान्य व्यक्ति के प्रयासों में एकता लाता है तथा विभिन्न विभागों को जोड़ने की शक्ति का कार्य करता है l
सतत प्रक्रिया
समन्वय एक सतत प्रक्रिया है क्योंकि संगठन में एक बार सामंजस्य स्थापित करने का अर्थ यह नहीं है कि हमेशा के लिए रहेगा उद्देश्य की ओर निर्देशित करने के लिए लगातार समन्वय की आवश्यकता होती है l
समन्वय एक सतत प्रक्रिया है क्योंकि संगठन में एक बार सामंजस्य स्थापित करने का अर्थ यह नहीं है कि हमेशा के लिए रहेगा उद्देश्य की ओर निर्देशित करने के लिए लगातार समन्वय की आवश्यकता होती है l
व्यापक कार्य
विभिन्न विभागों की क्रियाएं एक दूसरे पर निर्भर करती है इसलिए समन्वय की आवश्यकता प्रबंध के सभी स्तर पर होती है l
विभिन्न विभागों की क्रियाएं एक दूसरे पर निर्भर करती है इसलिए समन्वय की आवश्यकता प्रबंध के सभी स्तर पर होती है l
समन्वय प्रबंध का सार
- समन्वय प्रबंध का कोई अन्य कार्य नहीं बल्कि प्रबंध के अन्य कार्यों का एक मुख्य हिस्सा है अर्थात जब एक प्रबंध प्रबंध के सभी कार्य को पूरा करता है तो वह समन्वय की स्थापना में ही व्यस्त रहता है
- नियोजन सभी विभागों की को ध्यान में रखकर नियोजन किया जाता है l
- संगठन संगठन में समन्वय अधिकार उत्तरदायित्व और जवाबदेही में सामंजस्य स्थापित करता है l
- नियुक्तिकरण सभी पदों को योग्य तथा अनुभवी व्यक्तियों से भरा जाए ताकि संस्था की सभी क्रियाएं बिना रुकावट के चलती रहे l
- निर्देशन पर्यवेक्षण अभिप्रेरणा का नेतृत्व में सामंजस्य स्थापित करना l
- नियंत्रण नियंत्रण नियंत्रण द्वारा संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध संसाधनों एवं मानवीय प्रयासों में संतुलन स्थापित किया जाता है
समन्वय की आवश्यकता
- संगठन का आकार संगठन के आकार मैं वृद्धि होने से विभिन्न महत्वकांक्षाओं वाले कई व्यक्ति उस से जुड़ जाते हैंl समन्वय की सहायता से व्यक्तिगत उद्देश्य को संगठन के उद्देश्य से जोड़ा जा सकता है l
कार्यात्मक विभेदीकरण
- संस्था के विभिन्न विभाग अपने अपने हितों को साधने अधिक महत्व दे सकते हैं जिससे मतभेद उत्पन्न हो जाते हैं ऐसे में समन्वय द्वारा ही संस्था के हितों को प्राप्त किया जा सकता है
विशिष्टीकरण
- विशिष्टीकरण श्रेष्ठता की भावना को जन्म देता है इसलिए यह संभव है कि केवल अपने विभाग की क्रियाओं पर ही अधिक बल दिया जाए समन्वय पूर्णरूपेण कार्य के लिए सभी विशिष्ट क्रियाओं को समन्वित प्रयास से दान देता है और संगठनात्मक उद्देश्य की तरफ निर्देशित करता है l
Very helpful 👍
ReplyDeleteThanks for it understand the words of topick
ReplyDeleteAnd in easy ways 😉
Wonderful topics
ReplyDelete